प्रिय पाठको,
विवाह एक संवेदनशील संस्था है। इसमें भाग लेकर आप उदासीन भाव से जीवन व्यतीत नहीं कर सकते। अपने साथी की भावनाओं तथा अकांक्षाओं आपको ध्यान रखना होगा।
हम इस लेख के माध्यम से उन 10 बातों पर विचार करेंगे जो कि पतियों को नहीं करनी चाहिये।
- वार्तालाप में विश्वास रखें। केवल मन पढ़ कर ही विचार ना बनायें। जितना खुल कर बात करेंगे उतना ही आनन्द आयेगा।
- यदि किसी बात के लिये सहमत ना हों तो उसके लिये सहमति ना जतायें। ऐसा करने से बाद में गड़बड़ हो सकती है।
- अपनी पत्नी को दोष ना दें। यदि कोई त्रुटि हो भी जाये तो उसे समझाने का यत्न करें।
- शब्दों का अर्थ ना निकालें। यत्न करें कि कहे गये शब्दों का अर्थ सीधा अपनी पत्नी से पूछें।
- निशब्दता का प्रयोग एक अस्त्र के रूप में ना करें। ये कभी भी आप पर चलाया जा सकता है। जितना हो सके बात करके स्थिति को सुधारने का यत्न करें।
- अपनी पत्नी के काम या आपके जीवन में उनकी उपस्थिति को कभी भी कम ना आंकें।
- कभी भी अपनी को किसी भी ढङ्ग से डरायें नहीं।
- पत्नी के घर वालों को लेकर आपसी बातचीत में कोई दोषारोपण ना करें।
- दूसरे के सामने अपनी पत्नी की निन्दा ना करें।
- यदि हो सके तो बात करते हुये बीच में ना काटें। पति पत्नी के बीच अधिकतर झगड़े बात काटने या ना सुनने के कारण ही पनपते हैं। ऐसा होने से पहले ही बात को पूरा सुन लें।
ये कहना यथार्थ होगा कि प्रत्येक दंपति भिन्न है परन्तु कुछ बातें ऐसी होती है जो कि स्वर्ण विधि के रूप में मानी जाती हैं।
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