बालों से जानिये किसी भी महिला का रहस्य

मैं किसी भी प्रकार के उपहास का समर्थन नहीं करता परन्तु कभी-कभी इस प्रकार के शीर्षक पढ़ कर मन में ये विचार उत्पन्न होता है कि क्या ये सच है। क्या हम सच में किसी के केशों को देख कर उसके बारे में जान सकते हैं। क्या अन्तर मन में क्या है वो हमारे शरीर की बनावट पर अङ्कित हो जाता है। विश्व भर में जीवन-शैली पर लिखने तथा कटाक्ष करने वाले ऐसे ही शीर्षक ले कर पाठकों को आकर्षित करते हैं तथा उन्हे विभिन्न प्रकार के संदेहास्पद तथ्यों में उलझाये रखते हैं।

मेरा ये मानना है कि सबसे बड़ा धक्का मनुष्य को तब लगता है जब उसके साथ विश्वासघात होता है। चिर काल से सगे-संबन्धियों तथा मित्रों तक, कोई ना कोई किसी के साथ विश्वासघात करता आया है। उसके बाल कैसे थे या कैसे नहीं थे, इससे कोई अन्तर नहीं पड़ता।

यदि ज्योतिष शास्त्र की बात करें तो चर्चा कोई और ही रूप ले लेती है। ज्योतिष शास्त्र अन्य शास्त्रों सदृश एक वैज्ञानिक विधि है। परन्तु आज के युग में इस विज्ञान के साधक अनुसंधान तथा अन्वेषण में मन ना लगाकर अन्ध-विश्वास में वृत्तिक हो चुके हैं। वो जन-साधारण को यथार्थ नहीं बताते परन्तु धन कमाने के लोभ में उनको विभिन्न प्रकार के भ्रमों में डालते रहते हैं।

ऐसा करने से भारत वर्ष के आधे से अधिक लोग ज्योतिष में अपनी श्रद्धा गवा बैठे हैं। नवयुवक पीढ़ी तो ये मानती है कि ये केवल ढ़़ोंग है और कुछ नहीं।

अब बात आती है बालों की। बाल हमारे शरीर के प्रटीन का एक रूप हैं। बालों के रङग तथा आकार से चेहरे की शोभा का निर्णय होता है। बालों पर ही आधारित भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यवसाय विश्व भर में पनपते हैं। बालों को लेकर अनेक प्रकार की मान्यातायें प्रसिद्ध हैं। पुरातन काल से ही बालों को ऊर्जा संकलन का उपकरण माना जाता है। यदि आपको स्मरण हो तो कोई भी तपस्वी अपने केश कटाकर केवल एक लट रखता था। महिलाओं को विवाह उपरान्त केशोंं को बाँधने के लिये कहा जाता था। सेना में भर्ती होने वालों को छोटे केश रखने के लिये कहा जाता है। प्रायः ही एक सामान्य घर में पिता अपने पुत्र को दर्पण के सामने बालों को संवारने में अधिक समय नष्ट करते देख टोका करता है।

ये तो सच है कि केश किसी भी व्यक्ति के लिये बहुत महत्व रखते हैं। परन्तु जब महिलाओं का प्रश्न आता है तो इनका महत्व चर्म सीमा पर पहुँच जाता है। किसी भी महिला के लिये, भले ही वो भारतीय महिला हो या विदेशी, केशों का महत्व उसके सारे शरीर में सबसे अधिक है।

लम्बे घने बाल, घुँघराले बाल, तथा छोटे काटे हुये बाल–सभी प्रकार की महिलायें आपको समाज में मिलेंगी। व्यक्तिगत रूप में मेरा मानना है कि सामान्य रूप में रखे गये बाल एक सामान्य व्यक्तित्व का सूचक होते हैं। किसी महिला का रहस्य जानने के लिये उस महिला को जानना अधिक आवश्यक है ना कि उसके बालों की शैली को।

आपका इस बारे में क्या मत है, हमें बतायें।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.