इनके पाँच रूप हैं –
- भक्ष्य–जिनहें दाँतों से काट-काट कर खाया जाता है जैसे माल पूये
- भोज्य–दाँत का सहारा न लेकर जो केवल जिह्वा के व्यापार से भोजन किया जाता है, जैसे हलुआ और खीर आदि
- पेय–जो पीने योग्य हो जैसे दुग्ध आदि
- चोष्य–चूसने योग्य वस्तु जिसका केवल रस मात्र ही ग्रहण किया जाता हो और बाकी चीज को त्याग दिया जाता है जैसे ईख और आम आदि
- लेह्य–जो पदार्थ चाटने योग्य होता है जैसे चटनी आदि
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