बाल कहानी–भालू और लोमड़ी
ये कहानी मैने अपनी पाञ्च वर्षीया बेटी को सुनाते हुये बनायी थी। वो सोने से पहले लगभग प्रतिदिन मुझसे कोई ना कोई कहानी सुनती है। मैं ऐसे ही कहानी बना कर उसे सुना देता हूँ। कभी कभी वो कहानी सच में अच्छी बन जाती है। ये कहानी ऐसी ही थी। मुझे लगा कि मुझे इसे …