चिकित्सा कितने प्रकार की होती है

मानव शरीर का उपचार विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है। भारतीय पद्धति के अनुसार चिकित्सा पाँच प्रकार की होती है– मानवीय चिकित्सा – जड़ी-बूटी आदि से बनी औषधि से उपचार। प्राकृतिक चिकित्सा – अन्न, जल, वायु, धूप व मिट्टि आदि से उपचार। यौगिक चिकित्सा – व्यायाम, आसन, प्राणायाम, संयम, ब्रह्मचर्य आदि से उपचार। दैवी […]

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What is zero called in Sanskrit

Zero is believed to be discovered in India. It has a very significant place in spirituality, as it represents the ultimate nothingness–the absolute identity which is without any negative or positive. In English language, some of the synonyms include cipher and naught. Sanskrit has three names for this digit. You can use any of them

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भगवद्गीता में अर्जुन द्वारा किये गये प्रश्न

श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति की एक अमूल्य धरोहर है। इस ग्रन्थ में विभिन्न प्रकार के आधायत्मिक रहस्यों का उल्लेखन किया गया है। पुरातन काल से यह ज्ञान की गङ्गा जिज्ञासुओं को पथप्रदर्शित तथा प्रोत्साहित करती रही है। श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्याय हैं और ये महाकाव्य महाभारत का एक भाग है। इस भाग में भगवान कृष्ण तथा

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The Story of 5 Uncles of Mahabharata

Like a story that we wrote about the four brother couples of Ramayana including Rama-Lakshmana, Vali-Sugriva, Ravana-Vibhishana, and Sampati-Jatayu, we are now trying to figure out the role played by five maternal uncles in the epic Mahabharata. Two of the famous roles Kamsa and Shakuni are well-known to the audience, and they are considered as

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The Three Chandraguptas of India

Well, this is quite interesting–a name shared by three different people who turned out to be great in their own rite, and belonged to medieval India. Why don’t we have that name for our children nowadays or why none with that name became that much great later on–or did we stuck to the Shakespearean idea

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ज्वर की उत्पत्ति कैसे हुई

महाभारत के पञ्च खण्ड में ज्वर की उत्पत्ति का वर्णन आता है। ज्वर की अनुभूति शरीर के तापमान से होती है हमारे जीवन में विश्राम हेतु आता है जब शरीर के किसी अङ्ग या प्रणाली के कार्य में बाधा अथवा व्याधि उत्पन्न होती है। इस लेख से हम जानेंगे कि ज्वर की संकल्पना कैसे हुई।

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The craze of pickles in India

Pickles are a type of preserved foods highly popular in India both in the south and north. While pickle refers to the class of food items prepared in the particular way, there are several varieties we find under this category. Almost most of the vegetables we use for cooking can be pickled. The principal ingredients

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देवनदी गङ्गा के नाम का क्या अर्थ है

गङ्गा नदी का नाम कुछ ऐसा है कि नाम सुनते ही मन में भक्ति भाव का प्रवाह होता है। शीतल जल तथा भारतीय संस्कृति में दिव्य स्थान पाने वाली इस नदी की महिमा अपार है। इस लेख में हम जानेंगे कि गङ्गा नाम का अर्थ क्या है। पतित पावनी गङ्गा को विविध नामों से जाना

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आसन लगानाऔर व्यायाम करना भी एक कर्म–फल है

आसन लगाने (Yogic Asana) से कुपथ्यजन्य रोग (Disease By intake of food or Acquired) तो होते ही नहीं और प्रारब्धजन्य रोगों (Disease already existing in the body or inherited ) में भी उतनी तेजी नहीं रहती, क्योंकि आसन और व्यायाम को भी कर्म (Action)  ही माना जाता है। अतः उनका भी फल (Fruit) होता है।

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काशी ही ‘शिवलोक है’ का निर्माण कैसे हुआ

वे जो सदाशिव हैं, उन्हें परमपुरुष, ईश्वर, शिव, शम्भु और महेश्वर कहते हैं। वे अपने मस्तक पर आकाश-गङ्गा को धारण करते हैं। उनके भाल देश में चन्द्रमा शोभा पाते हैं। उनके पाञ्च मुख हैं और प्रत्येक मुख में तीन-तीन नेत्र हैं। उनका चित्त सदा प्रसन्न रहता है। वे दस भुजाओं से युक्त्त और त्रिशूल धारी

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विभिन्न मासों में किये जाने वाले शिवव्रतों का विधान

कौन से महीने में कैसे करें शिव व्रत का पालन जो ( मनुष्य ) सत्यवादी तथा जितक्रोध  (क्रोध को वश में किया हुआ) होकर पुष्य  (पौष) मास में (शिवका) विधिवत् पूजन करके चावल, गेहूँ और गोदुग्ध से बने हुये भोजन को केवल रात में ग्रहण करता है; दोनों पक्षों की अष्टमी तिथि में यत्न पूर्वक

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जब भगवान शिव ने पार्वती माता के घर जाकर अपनी ही निन्दा की

ब्रह्मा जी कहते हैं – नारद ! मेना और हिमवान् की भगवान् शिव के प्रति उच्चकोटी की अनन्य भक्त्ति देख इन्द्र आदि सब देवता परस्पर विचार करने लगे। तदनन्तर गुरु बृहस्पति और ब्रह्मा जी की सम्मति के अनुसार सभी मुख्य  देवताओं ने शिव जी के पास जाकर उनको प्रणाम किया और वे हाथ जोड़कर उनकी

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शिव पुराण में पेड़ लगाने के लाभ का वर्णन

वातावरण की रक्षा हेतु वृक्ष लगाना, विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक तत्त्वों का अल्प प्रयोग तथा प्रदूषण को बढ़ावा ना देना ये सब आधुनिक जीवन की ही कल्पनायें नहीं है। पुरातन काल से प्रकृति के संरक्षण हेतु चेष्टा की जाती रही है तथा समाज में ऐसे कार्यों को करने की प्रेरणा दी जाती रही है जिससे

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भगवान शिव का नाम पशुपति कैसे पड़ा

असुरों से युद्ध के हेतु महान् दिव्य रथ में, जो अनेक विध आश्चर्यों से युक्त्त था, वेद रूपी अश्वों को जोत कर ब्रह्मा ने उसे शिव को समर्पित कर दिया। शम्भु को निवेदित करने के पश्चात् जो विष्णु आदि देवों के सम्माननीय एवं त्रिशूल धारण करने वाले हैं, उन देवेश्वर की प्रार्थना करके ब्रह्मा जी

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राक्षसी त्रिजटा को पूर्व ज्ञात हो गया था कि लङ्का जलेगी

अशोक वाटिका व्यथित सीता देवी की सेवा में रत विभीषण की पत्नी त्रिजटा ने देवी सीता को साहस बधाँया तथा अपनी पुत्री की भाँति प्रेम दिया। वो जानती थीं कि रावण का विनाश निश्चित है। उनको ज्ञात हो चुका था कि भगवान राम का एक दूत आयेगा जो कि सम्पूर्ण लङ्का को जलाकर दग्ध कर

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जटायु ने कैसे बता दिया था कि राम सीता को रावण से पुनः प्राप्त कर लेंगे

भारतीय ज्योतिष एक शास्त्र से कम नहीं है तथा पूर्ण रूप से वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। इस लेख में हम एक ऐसे उदाहरण का वर्णन करेंगे जो कि रामायण काल में हुआ था तथा यथार्थ सत्य सिद्ध हुआ था। भगवान् श्रीरामचन्द्र जी के वनवास के समय रावण ने सीता का अपहरण किया। श्रीरामचन्द्र जी

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भगवान सुर्य का परिवार–पत्नी, पुत्र, तथा पुत्रीओं के नाम

भगवान् सुर्य की दस सन्तानें हैं। विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा (अश्विनी) नामक पत्नी से वैवस्वत मनु, यम, यमी (यमुना), अश्विनीकुमारद्वय और रेवन्त तथा छाया से शनि, तपती, विष्टि (भद्रा) और सावर्णि मनु हुये। भगवान् सूर्य के परिवार की यह कथा पुराणों आदि में अनेक प्रकार से सूक्ष्म एवं विस्तार से आयी है, उसका सारांश यहाँ

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