Characteristics of Sanskrit Language

Characteristics of Sanskrit Language–संस्कृत भाषा की विशेषताएँ

Sanskrit language is very unique and has many characteristics that are not shared by any other language in the world. Let me take you through some of the salient features of this language that has stood the tests of time.

  • संस्कृत, विश्व की सबसे पुरानी पुस्तक (वेद) की भाषा है। इसलिये इसे विश्व की प्रथम भाषा मानने में कहीं किसी संशय की संभावना नहीं है।
  • इसकी सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता के कारण सर्वश्रेष्ठता भी स्वयं सिद्ध है।
  • सर्वाधिक महत्वपूर्ण साहित्य की धनी होने से इसकी महत्ता भी निर्विवाद है।
  • इसे देवभाषा माना जाता है।
  • संस्कृत केवल स्वविकसित भाषा नहीं बल्कि संस्कारित भाषा भी है अतः इसका नाम संस्कृत है। केवल संस्कृत ही एकमात्र भाषा है जिसका नामकरण उसके बोलने वालों के नाम पर नहीं किया गया है। संस्कृत को संस्कारित करने वाले भी कोई साधारण भाषाविद् नहीं बल्कि महर्षि पाणिनि, महर्षि कात्यायन और योग शास्त्र के प्रणेता महर्षि पतंजलि हैं। इन तीनों महर्षियों ने बड़ी ही कुशलता से योग की क्रियाओं को भाषा में समाविष्ट किया है। यही इस भाषा का रहस्य है।
  • शब्द-रूप – विश्व की सभी भाषाओं में एक शब्द का एक या कुछ ही रूप होते हैं, जबकि संस्कृत में प्रत्येक शब्द के 25 रूप होते हैं।
  • द्विवचन – सभी भाषाओं में एक वचन और बहु वचन होते हैं जबकि संस्कृत में द्विवचन अतिरिक्त होता है।
  • सन्धि – संस्कृत भाषा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है सन्धि। संस्कृत में जब दो शब्द निकट आते हैं तो वहाँ सन्धि होने से स्वरूप और उच्चारण बदल जाता है।
  • इसे कम्प्यूटर और कृत्रिम बुद्धि के लिये सबसे उपयुक्त भाषा माना जाता है।
  • शोध से ऐसा पाया गया है कि संस्कृत पढ़ने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • संस्कृत वाक्यों में शब्दों को किसी भी क्रम में रखा जा सकता है। इससे अर्थ का अनर्थ होने की बहुत कम या कोई भी सम्भावना नहीं होती। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि सभी शब्द विभक्ति और वचन के अनुसार होते हैं और क्रम बदलने पर भी सही अर्थ सुरक्षित रहता है। जैसे – अहं गृहं गच्छामि या गच्छामि गृहं अहम् दोनो ही ठीक हैं।
  • संस्कृत विश्व की सर्वाधिक ‘पूर्ण’ (perfect) एवं तर्कसम्मत भाषा है।
  • देवनागरी एवं संस्कृत ही दो मात्र साधन हैं जो क्रमश: अंगुलियों एवं जीभ को लचीला बनाते हैं। इसके अध्ययन करने वाले छात्रों को गणित, विज्ञान एवं अन्य भाषाएँ ग्रहण करने में सहायता मिलती है।

Source: Wikipedia

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