महत्व पूर्ण नियम जिनसे एकवचन से बहुवचन बना लिये जाते हैं (Important Rules of Changing Masculine into Feminine) –
पुल्लिङ्ग शब्द से (From Masculine) –
- पुल्लिङ्ग शब्द के अन्त में आ को ए में बदल देने से –
| एकवचन | बहुवचन | एकवचन | बहुवचन |
| बच्चा | बच्चे | लोटा | लोटे |
| बेटा | बेटे | जाला | जाले |
| बस्ता | बस्ते | मेला | मेले |
| बछड़ा | बछड़े | चश्मा | चश्मे |
| कमरा | कमरे | ताला | ताले |
स्मरण रखें–
यह नियम संस्कृत के आकारान्त शब्दों और सम्बन्ध सूचक शब्दों में मान्य नहीं होते हैं।जैसे—
चाचा, मामा, दाता, पिता, नाना, सखा, फूफा, योद्धा, नेता आदि।
- जो पुल्लिङ्ग शब्द आकारान्त नहीं होते, उनका बहुवचन बनाते समय रूप-परिवर्तन नहीं किया जाता। उनके आगे संख्यावाची शब्द लगाने से ही बहुवचन बन जाते हैं –
| एकवचन | बहुवचन |
| एक आलु | दस आलु |
| एक बाग | दो बाग |
| एक गाँव | चार गाँव |
| एक माली | चार माली |
| एक ग्रह | नौ ग्रह |
| एक गुरु | तीन गुरु |
स्त्रीलिङ्ग शब्द से (From Feminine) –
जब स्त्रीलिङ्ग शब्द के इकारान्त और ईकारान्त शब्दों के अन्त में इ और ई हो तो इनके स्थान पर इयाँ लगा दिया जाता है। जैसे–
| एकवचन | बहुवचन | एकवचन | बहुवचन |
| लड़की | लड़कियाँ | छतरी | छतरियाँ |
| रानी | रानियाँ | ताली | तालियाँ |
| नारी | नारियाँ | सीपी | सीपियाँ |
| स्त्री | स्त्रियाँ | नदी | नदियाँ |
| भाभी | भाभियाँ | डाली | डालियाँ |
| साड़ी | साड़ियाँ | सिसकी | सिसकियाँ |
वह स्त्रीलिङ्ग शब्द जिसके अन्त में इया हो उसके स्थान पर इयाँ लगा देने से बहुवचन बन जाता है। जैसे—
| एकवचन | बहुवचन | एकवचन | बहुवचन |
| गुड़िया | गुड़ियाँ | डिबिया | डिबियाँ |
| चिड़िया | चिड़ियाँ | लुटिया | लुटियाँ |
| बुढ़िया | बुढ़ियाँ | चुहिया | चुहियाँ |
अकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द के अन्त में एं लगाने से बहुवचन बन जाते हैं –
| एकवचन | बहुवचन | एकवचन | बहुवचन |
| आँख | आँखें | चप्पल | चप्पलें |
| बाँह | बाँहें | पुस्तक | पुस्तकें |
| मूँछ | मूँछें | चाल | चालें |
| जीभ | जीभें | भौंह | भौंहें |
आकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द के अन्त में भी यें लगाने से बहुवचन बन जाते हैं –
| एकवचन | बहुवचन | एकवचन | बहुवचन |
| चिता | चितायें | माला | मालायें |
| शाला | शालायें | जटा | जटायें |
| कन्या | कन्यायें | घटा | घटायें |
| कथा | कथायें | बाधा | बाधायें |
| भावना | भावनायें | बाला | बालायें |
उकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द के अन्त में भी यें लगाने से बहुवचन बन जाते हैं –
| एकवचन | बहुवचन | एकवचन | बहुवचन |
| वस्तु | वस्तुयें | ऋतु | ऋतुयें |
- उकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द के अन्त में यदि ऊ हो तो उसे उकर के यें जोड़ देने से बहुवचन बन जाते हैं-
| एकवचन | बहुवचन | एकवचन | बहुवचन |
| जूँ | जुयें | वधू | वधुयें |
| बहू | बहुयें | लू | लुयें |
स्मरण रखने योग्य —
- एकवचन शब्द यदि आदरार्थ हो तो वह भी बहुवचन की भाँति प्रयुकत किया जाता है। जैसे—
डाकटर साहिब रोगी को देख रहे हैं।
पिता जी समाचार-पत्र पढ़ रहे हैं।
हम अध्यापक महोदय से विज्ञान सीख रहे हैं।
- सदैव बहुवचन में प्रयोग किये जाने वाले शब्द भी होते हैं जैसे—
प्राण, बाल, लोग, दर्शन, समाचार, आँसू, हस्ताक्षर, होंठ आदि।
- कुछ भाववाचक और व्यक्तिवाचक संज्ञाओं को साधारण रूप में एकवचन में ही प्रयोग किया जाता है।जैसे—सच्चाई, आगरा, सुख, दीपा, ममता आदि।