हिन्दी भाषा

हिन्दी सीखें–लिङ्ग बदलना (Gender Change)

Hindi Gender हिन्दी भाषा में लिङ्ग बदलना (Methods of changing Gender in Hindi Language) पुल्लिङ्ग से स्त्रीलिङ्ग में बदलने के ढङ्ग (Changing Masculine to Feminine) नियम (Rule) जो पुल्लिङ्ग शब्द (अ) से समाप्त होते हैं उनके पीछे (आ) लगाने से स्त्रीलिङ्ग बन जाता है। जैसे- पुल्लिङ्ग स्त्रीलिङ्ग आचार्य आचार्या श्याम श्यामा आत्मज आत्मजा शिष्य शिष्या आदरणीय […]

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हिन्दी सीखें (Let us Learn Hindi) — कारक (CASE)

संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वाक्य में क्रिया के साथ जो सम्बन्ध पाया जाता है, उसे ही हम कारक कहते हैं जैसे पक्षी को आखेटक ने तीर से मारा। यहाँ क्रिया का सम्बन्ध इस प्रकार है- –आखेटक क्रिया का करनेवाला है–पक्षी पर क्रिया का प्रभाव पड़ा है–तीर क्रिया की पूर्ति का साधन बना है कारक के भेद (Kinds

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हिन्दी सीखें (Let us Learn Hindi) — वचन (Number)

जिस शब्द से संख्या का ज्ञान हो उसे वचन कहा जाता है। महत्व (Importance of Number)- वचन से वस्तु अथवा प्राणी के एक या अनेक होने का पता चलता है। भेद (Kinds of Number)- वचन के निम्नलिखित दो भेद होते हैं- एकवचन बहुवचन एकवचन (Singular)–शब्द का वह रूप जिससे प्राणी अथवा वस्तु के एक होने

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हिन्दी सीखें (Let us Learn Hindi) – एकवचन बहुवचन

महत्व पूर्ण नियम जिनसे एकवचन से बहुवचन बना लिये जाते हैं (Important Rules of Changing Masculine into Feminine) – पुल्लिङ्ग शब्द से (From Masculine) – पुल्लिङ्ग शब्द के अन्त में आ को ए में बदल देने से – एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन बच्चा बच्चे लोटा लोटे बेटा बेटे जाला जाले बस्ता बस्ते मेला मेले बछड़ा

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हिन्दी सीखें– सर्वनाम (Pronoun)

वाक्य में जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया जाये उसे सर्वनाम कहा जाता है।संज्ञा को बार बार प्रयोग में न लाया जाये इसके लिए सर्वनाम का प्रयोग आवश्यक है। जैसे – राकेश ने कहा कि मैं आज कार्यलय नहीं जाऊँगा। सैनिकों ने कहा कि हम वैरि को मार गिराने के लिए तैयार हैं। इन वाक्यों में संज्ञा

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हिन्दी सीखें–लिङ्ग

शब्द का वह रूप जो पुरुष जाती अथवा स्त्री जाती होने की भिन्नता का आभास कराये, उसे लिङ्ग कहा जाता है। जैसे पुरुष जाती के लिए राजा, छात्र, बैल, राम आदि प्रयुक्त होते हैं और स्त्री जाती के लिए रानी, छात्रा, गाय, सीता आदि प्रयुक्त होते हैं। लिङ्ग के भेद (Kinds of Gender) हिन्दी में

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हिन्दी सीखें–संज्ञा निर्माण (Building of Noun)

भाववाचक संज्ञा का निर्माण निम्नलिखित शब्दों से किया जा सकता है। जातिवाचक संज्ञा से सर्वनाम से वीशेषण से क्रिया से क्रियाविशेषण से जातिवाचक संज्ञा से—- शब्द  भाववाचक संज्ञा बच्चा बचपन नारी नारीत्व बाल बालपन नेता नेतृत्व बन्धु बन्धुत्व लड़का लड़कपन सेवक सेवा अध्यापक अध्यापन पुरुष पुरुषत्व भिक्षुक भिक्षा पशु पशुता शिशु शैशव पण्डित पाण्डित्य युवा

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हिन्दी सीखें–संज्ञा (Noun)

कोई भी वस्तु, प्राणी, गुण, दशा या भाव के नाम को ही हम संज्ञा कहते हैं। जैसे— सिंह, लड़की, दीवार और घास आदि। संज्ञा के तीन भेद निम्न लिखित हैं- जातिवाचक संज्ञा व्यक्तिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा—जो शब्द एक ही प्रकार के सभी वस्तुओं या प्राणियों का बोध कराता हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते

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हिन्दी सीखें–समास (Compound Words)

समास— दो शब्दों के मेल से बने शब्द को समास कहते हैं। जैसे – हिमकण का अर्थ है हिम के कण समास-विग्रह—सभी पदों को अलग-अलग करने की विधि को समास-विग्रह कहा जाता है। जैसे – पेटदर्द = पेट में दर्द जीवन-स्वामी = जीवन का स्वामी भेद — समास के छे (Six) भेद बताये जाते हैं

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हिन्दी सीखें–विलोम शब्द (Antonyms)

किसी शब्द के उल्टे अर्थ का बोध कराने वाले शब्द को विलोम या विपरीतार्थक शब्द कहा जाता है। ध्यान रखें – यह आवश्यक है कि विलोम शब्द लिखते समय तत्सम शब्द के लिए तत्सम और तद्भव शब्द के लिए तद्भव शब्द का प्रयोग ही करें। यह आवश्यक नहीं के प्रत्येक शब्द का विलोम शब्द भी हो। याद करने

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हिन्दी सीखें–तत्सम तथा तद्भव शब्द

तद्भव शब्द और उनके तत्सम रूपों की सूची नीचे दी गयी है। यदि आप किसी अन्य तत्सम-तद्भव शब्द के बारे में जानते हैं तो कृपया हमें अवश्य लिखें। आप अपनी टिप्पणी के माध्यम से कोई सुझाव, प्रश्न अथवा कोई प्रस्ताव भेज सकते हैं। तद्भव तत्सम तद्भव तत्सम अँधेरा अन्धकार पत्थर प्रस्तर अचरज आश्चर्य पत्ता पत्र

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हिन्दी सीखें–शब्द समूह और एक शब्द (One Word Substitution)

भाषा में कथन को संक्षिप्त और प्रभावशाली बनाने के लिए एक शब्द (One Word)  का प्रयोग किया जाता है। कुछ शब्द-समूहों के लिए एक शब्द नीचे दिए जा रहे हैं – शब्द – समूह एक शब्द जो पढ़ा न जा सके अपठनीय जिस का कोई अन्त न हो अनन्त जो कभी बूढ़ा न हो अजर जिसका

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हिन्दी सीखें–शब्द रचना

संधि (Union of Two Sounds) सन्धि – दो वर्णों के मेल को भाषा में सन्धि कहा जाता है। दो शब्दों में सन्धि के समय पहले शब्द का अन्तिम वर्ण और दूसरे शब्द का प्रथम वर्ण मिल जाते हैं। जैसे – परम + आत्मा =  परमात्मा यहाँ पर परम शब्द का अन्तिम वर्ण अ है और आत्मा

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हिन्दी सीखें–पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (Synonyms)

जो शब्द समान अर्थ प्रकट करें वह शब्द पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द कहलाते हैं। हर भाषा में ऐसे शब्द मिलते हैं। कुछ शब्दों के पर्यायवाची शब्द नीचे दिए जाते हैं प्रमुख शब्द पर्यायवाची शब्द अहंकार अभिमान, घमण्ड, गर्व, दर्प, अहम् अतिथि अभ्यागत, मेहमान, पाहुना, व्रात्य, आगन्तुक असुर दानव, दनुज, राक्षस, निशाचर, दैत्य अचरज अचंभा,

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हिन्दी सीखें–अक्षर (Akshar)

अक्षर किसी भी शब्द की इकाई होती है। एक अक्षर में एक या एक से अधिक वर्ण हो सकते हैं। जैसे- एक अक्षर वाले शब्द – आ, आम, दीप, दिन आदि।दो अक्षर वाले शब्द – को ‘मल, भा ‘लू, काम ‘ना, टम ‘टम, रा ‘जा आदि।तीन अक्षर वाले शब्द – स ‘फल ‘ता, नि ‘कल

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हिन्दी सीखें–मात्रा (Maatraa)

जो स्वर व्यञ्जन के पीछे आता है उसे मात्रा कहा जाता है। विभिन्न स्वरों की मात्रायें हिन्दी भाषा में इस प्रकार हैं – स्वर  मात्रा का रूप  मात्रा सहित व्यञ्जन  मात्रा वाले शब्द अ – क रस, नर, कल आदि आ ा का नाम, राजा, काम आदि इ ि कि दिल, मिल, दिन आदि ई ी

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हिन्दी सीखें शब्द – विचार (Hindi Glossary)

किसी भी भाषा में प्रयोग किये जाने वाले सभी शब्दों के समूह को उस भाषा का शब्द-भण्डार कहा जाता है। हिन्दी के शब्द-भंडार के स्त्रोत का आधार चार प्रकार से माना जाता है- संस्कृत – मूल रूप (तत्सम शब्द) संस्कृत – बदला रूप (तद्भव शब्द) स्वदेशीय मूल (देशज शब्द) विदेशी शब्द तत्सम शब्द– जो शब्द

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Learn Hindi (हिन्दी सीखें): वर्ण-विचार

ध्वनि (Sound) भाषा की सबसे छोटी इकाई (Smallest Unit) को ध्वनि कहते हैं। ध्वनियों से ही शब्दों (Words) का निर्माण (Build) होता है। मुख से अ, आ, इ, …….क, ख, ग…….. बोलना ही ध्वनियाँ (Sounds) कहलाती हैं। नारी (Woman) शब्द में ही चार ध्वनियाँ हैं-न्+आ+र्+ई = नारी वर्ण (Letter) ध्वनियों को लिखित (Print) रूप देने

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हिन्दी सीखें (Learn Hindi)

भाषा (Language) वह साधन जिस द्वारा हम अपने मन के भाव प्रकट कर सकते हैं, उसे भाषा कहते हैं। इस के तीन रूप हैं – मौखिक भाषा (Language of Speech) – मन के भावों को जब बोल कर प्रकट किया जाये तो उसे मौखिक भाषा कहते हैं। दिनभर में जो भी हम बोलते हैं वह

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