Hindi Poem–रोहतक से चलकर रूह तक
कोई था जो रोहतक से चलकर रूह तक आता था अब तो जलने और जलाने के समाचार ही आते हैं। वो बातें किया करता था मीलों साथ चलने की अब हर मोड़ बन्द है, पक्षी उड़ने से घबराते हैं। जिससे बात करके सीने में जान आ जाती थी अब वो नहीं पत्रकार ही […]
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