pawansingla

Pawan Kumar Singla is a retired English lecturer living in Nabha, Punjab. He has studied B. Sc. (Medical), M. A. (English, Political Science), B. Ed., and has strong interest in Yoga, languages, and Indian traditions. He likes to learn new things in his life (started driving a car when he was 63 and can now type in four languages including Punjabi, Hindi, English and Sanskrit).

हिन्दी सीखें–वाक्य (Sentence in Hindi)

हिन्दी सीखें–वाक्य (Sentence in Hindi) जिस शब्द या शब्द-समूह से अर्थ पूर्ण बात समझ आ जाये, उसे वाक्य कहा जाता है। जैसे – वह सो रहा है। चोरी करना एक बुरी आदत है। याद रखने योग्य – प्रत्येक वाक्य का क्रिया एक आवश्यक अङ्ग होती है। वाक्य के दो अङ्ग होते हैं – उद्देश्य विधेय […]

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हिन्दी भाषा सीखें–विस्मयादिबोधक अव्यय (Kinds of Hindi Interjections)

विस्मयादिबोधक अव्यय (Kinds of Hindi Interjections) विस्मयसूचक – वाक्य में विस्मय (आश्चर्य) के भाव का प्रकट होना। जैसे –1. अरे ! कहाँ से आ रहे हो ?2. सच ! यह तो बहुत अच्छी सूचना दी।3. क्या ! वह असफल हो गया। हर्षसूचक – वाक्य में हर्ष के भाव का प्रकट होना। जैसे –1. वाह !

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हिन्दी भाषा सीखें–विस्मयादिबोधक अव्यय (Hindi Interjection)

जिस अव्यय से हर्ष, घृणा, आश्चर्य, शोक, दुःख, करुणा आदि भावों का प्रकट होना प्रतीत हो उसे विस्मयादिबोधक अव्यय कहा जाता है। जैसे – वाह! मिठाई स्वादिष्ट है। छि: छि: ! कितनी दुर्गन्ध आ रही है। अरे! यह शीशा कैसे टूटा। इन वाक्यों में ‘वाह’ शब्द हर्ष का; ‘छि: छि:’ शब्द घृणा का और ‘अरे’

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समुच्चयबोधक अव्यय (Conjunction in Hindi)

दो शब्दों, वाक्याँशों अथवा वाक्यों को जोड़ने का कार्य करने वाले अव्यय को भाषा में समुच्चयबोधक अव्यय कहा जाता है। जैसे – राम और शाम आपस में बातें कर रहे हैं। सीता की रुमाल मैली है इस लिये वह उसे धो रही है। पहले वाक्य में और राम व शाम को, दूसरे वाक्य में इस

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हिन्दी भाषा सीखें–सम्बन्धबोधक अव्यय (Preposition in Hindi)

सम्बन्धबोधक अव्यय (Preposition in Hindi) संज्ञा या सर्वनाम के अन्त लगा हुआ शब्द जो उसका सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दों के साथ कराता हो, उसे सम्बन्धबोधक अव्यय कहा जाता है। जैसे –पञ्छी डाल पर बैठे हैं। हाथी वन में रहता है। अध्यापक कक्षा में पढ़ा रहा है। पिता जी कुर्सी पर बैठे हैं। ऊपर के वाक्यों में

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हिन्दी भाषा–क्रिया विशेषण (Adverb)

क्रिया विशेषण (Adverb, Kriya Visheshan in Hindi) जो शब्द क्रिया या क्रिया विशेषण की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रिया विशेषण कहा जाता है। जैसे- गाड़ी तेज़ दौड़ती है। (यहाँ ‘तेज़’, शब्द ‘दौड़ती है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है।) वह धीरे चलता है। (‘धीरे’ शब्द ‘चलता है’ क्रिया की विशेषता है।) हम प्रतिदिन टहलने जाते

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हिन्दी सीखें–क्रिया (Verbs in Hindi)

Verbs in Hindi–Kriya वह शब्द जिस से किसी काम के करने या होने का पता चले, उसे हम क्रिया कहते हैं। जैसे – शीला रो रही है।मोनु पानी पी रहा है।वह लड़का खेल रहा है। इन वाक्यों में रो रही है, पी रहा है, खेल रहा है, से काम के करने या होने का पता

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हिन्दी सीखें–काल (Tense)

क्रिया के रूप से ही कार्य के करने या होने के समय का पता चलता है। इसी समय को ही क्रिया का काल कहा जाता है। कुछ उदाहरणों को ध्यान से पढ़ें – वह पढ़ रही है। वह पढ़ रही थी। वह पढ़ेगी। उदाहरण एक से पता चलता है कि कार्य इस समय चल रहा

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हिन्दी सीखें–क्रिया पर लिङ्ग, वचन, और पुरुष का प्रभाव

क्रिया एक विकारी शब्द है। कर्ता के लिङ्ग, वचन और पुरुष के अनुसार उसके रूप में परिवर्तन होता रहता है। लिङ्ग का प्रभाव – क्रिया का लिङ्ग कर्ता के अनुसार बदलता रहता है। कर्ता पुल्लिङ्ग होने पर क्रिया आकारान्त होती है। कर्ता स्त्रीलिङ्ग होने पर क्रिया ईकारान्त हो जाती है। जैसे – पुल्लिंग स्त्रीलिंग सुरेश

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हिन्दी सीखें–हिन्दी विशेषण (Hindi Visheshan)

हिन्दी विशेषण (Hindi Visheshan) जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन शब्दों को विशेषण कहा जाता है। इसे पढ़ें- उसका कोट लाल है। यह बालक अच्छा है। यहां लाल कोट की और अच्छा बालक की विशेषता है। विशेषण जिन शब्दों की विशेषता बताता है, उन शब्दों को विशेष्य कहा जाता है। जैसे

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हिन्दी सीखें–विशेषण की अवस्थायें (Hindi Visheshan)

विशेषण की तीन अवस्थायें कही जाती हैं- मूलावस्था – विशेषण का वह मूलरूप जिस में किसी से तुलना ना की जाये। जैसे- वह सुन्दर है। तुम अच्छी लड़की हो। उत्तरावस्था – विशेषण का वह रूप जब दो विशेष्यों की विशेषताओं की तुलना की जाये। जैसे- वह राम से अधिक सुन्दर है। शाम तुमसे अच्छा लड़का

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हिन्दी सीखें–लिङ्ग बदलना (Gender Change)

Hindi Gender हिन्दी भाषा में लिङ्ग बदलना (Methods of changing Gender in Hindi Language) पुल्लिङ्ग से स्त्रीलिङ्ग में बदलने के ढङ्ग (Changing Masculine to Feminine) नियम (Rule) जो पुल्लिङ्ग शब्द (अ) से समाप्त होते हैं उनके पीछे (आ) लगाने से स्त्रीलिङ्ग बन जाता है। जैसे- पुल्लिङ्ग स्त्रीलिङ्ग आचार्य आचार्या श्याम श्यामा आत्मज आत्मजा शिष्य शिष्या आदरणीय

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हिन्दी सीखें (Let us Learn Hindi) — कारक (CASE)

संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वाक्य में क्रिया के साथ जो सम्बन्ध पाया जाता है, उसे ही हम कारक कहते हैं जैसे पक्षी को आखेटक ने तीर से मारा। यहाँ क्रिया का सम्बन्ध इस प्रकार है- –आखेटक क्रिया का करनेवाला है–पक्षी पर क्रिया का प्रभाव पड़ा है–तीर क्रिया की पूर्ति का साधन बना है कारक के भेद (Kinds

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हिन्दी सीखें (Let us Learn Hindi) — वचन (Number)

जिस शब्द से संख्या का ज्ञान हो उसे वचन कहा जाता है। महत्व (Importance of Number)- वचन से वस्तु अथवा प्राणी के एक या अनेक होने का पता चलता है। भेद (Kinds of Number)- वचन के निम्नलिखित दो भेद होते हैं- एकवचन बहुवचन एकवचन (Singular)–शब्द का वह रूप जिससे प्राणी अथवा वस्तु के एक होने

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हिन्दी सीखें (Let us Learn Hindi) – एकवचन बहुवचन

महत्व पूर्ण नियम जिनसे एकवचन से बहुवचन बना लिये जाते हैं (Important Rules of Changing Masculine into Feminine) – पुल्लिङ्ग शब्द से (From Masculine) – पुल्लिङ्ग शब्द के अन्त में आ को ए में बदल देने से – एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन बच्चा बच्चे लोटा लोटे बेटा बेटे जाला जाले बस्ता बस्ते मेला मेले बछड़ा

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ਚਰਚਾ ਚੱਲੇ (Discussion On)

ਮੌਣ ਵਰਤ, ਚੁਪ, ਸੰਧਯਾ-ਵੰਦਨ, ਸਮਾਇਕ ਆਦਿ (Observing Silence)- ਇਹ ਸਾਰੇ ਸ਼ਬਦ (ਕੁੱਝ ਭਿੰਨਤਾਵਾਂ ਛੱਡ ਕੇ) ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਗੁਣ ਦਾ ਗਿਆਨ ਕਰਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।  ਅਜੋਕੇ ਯੁੱਗ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੀ ਬਹੁਤ ਮਹਤੱਤਾ ਵੱਧ ਗਈ ਹੈ। ਕਿਉਂ ਜੋ ਰੁਝੇਵੇਂ ਵੀ ਵੱਧ ਗਏ ਹਨ । ਕੁੱਝ ਕੁ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਸੰਧਯਾ-ਵੰਦਨ ਦਿਨ ਚਰਿਆ ਦਾ ਇੱਕ ਅਨਿਖੜਵਾਂ ਕਰਮ ਸੀ । ਮਨੁੱਖ

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हिन्दी सीखें– सर्वनाम (Pronoun)

वाक्य में जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया जाये उसे सर्वनाम कहा जाता है।संज्ञा को बार बार प्रयोग में न लाया जाये इसके लिए सर्वनाम का प्रयोग आवश्यक है। जैसे – राकेश ने कहा कि मैं आज कार्यलय नहीं जाऊँगा। सैनिकों ने कहा कि हम वैरि को मार गिराने के लिए तैयार हैं। इन वाक्यों में संज्ञा

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हिन्दी सीखें–लिङ्ग

शब्द का वह रूप जो पुरुष जाती अथवा स्त्री जाती होने की भिन्नता का आभास कराये, उसे लिङ्ग कहा जाता है। जैसे पुरुष जाती के लिए राजा, छात्र, बैल, राम आदि प्रयुक्त होते हैं और स्त्री जाती के लिए रानी, छात्रा, गाय, सीता आदि प्रयुक्त होते हैं। लिङ्ग के भेद (Kinds of Gender) हिन्दी में

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हिन्दी सीखें–संज्ञा निर्माण (Building of Noun)

भाववाचक संज्ञा का निर्माण निम्नलिखित शब्दों से किया जा सकता है। जातिवाचक संज्ञा से सर्वनाम से वीशेषण से क्रिया से क्रियाविशेषण से जातिवाचक संज्ञा से—- शब्द  भाववाचक संज्ञा बच्चा बचपन नारी नारीत्व बाल बालपन नेता नेतृत्व बन्धु बन्धुत्व लड़का लड़कपन सेवक सेवा अध्यापक अध्यापन पुरुष पुरुषत्व भिक्षुक भिक्षा पशु पशुता शिशु शैशव पण्डित पाण्डित्य युवा

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