May 2016

Poem on importance of time in english

जटायु ने कैसे बता दिया था कि राम सीता को रावण से पुनः प्राप्त कर लेंगे

भारतीय ज्योतिष एक शास्त्र से कम नहीं है तथा पूर्ण रूप से वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। इस लेख में हम एक ऐसे उदाहरण का वर्णन करेंगे जो कि रामायण काल में हुआ था तथा यथार्थ सत्य सिद्ध हुआ था। भगवान् श्रीरामचन्द्र जी के वनवास के समय रावण ने सीता का अपहरण किया। श्रीरामचन्द्र जी

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Poem on importance of time in english

भगवान सुर्य का परिवार–पत्नी, पुत्र, तथा पुत्रीओं के नाम

भगवान् सुर्य की दस सन्तानें हैं। विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा (अश्विनी) नामक पत्नी से वैवस्वत मनु, यम, यमी (यमुना), अश्विनीकुमारद्वय और रेवन्त तथा छाया से शनि, तपती, विष्टि (भद्रा) और सावर्णि मनु हुये। भगवान् सूर्य के परिवार की यह कथा पुराणों आदि में अनेक प्रकार से सूक्ष्म एवं विस्तार से आयी है, उसका सारांश यहाँ

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Poem on importance of time in english

तिथि का, दिन का, ऋतुओं का, युग इत्यादि का आरम्भ कब होता है

तिथि का आरम्भ, वार का आरम्भ तथा दिन का आरम्भ उस स्थानपर् सूर्योदय से होता है। अँगरेजी तारीख का आरम्भ आधी रात से होता है। अँगरेजी वर्ष जनवरी से आरम्भ होता है। विक्रम सम्वत् का आरम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। मास का आरम्भ कृष्ण प्रतिपदा से होता है। पक्ष का आरम्भ प्रतिपदा से

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तिथि किसे कहते हैं

चन्द्रमा की एक कला को तिथि कहते हैं। तिथियाँ 1 से 30 तक एक मास में 30 होती हैं। ये पक्षों में विभाजित हैं। प्रत्येक पक्ष में 15 – 15 तिथियाँ होती हैं। इनकी क्रम – संख्या ही इनके नाम हैं। ये हैं – प्रतिपदा द्वितीया तृतीया चतुर्थी पञ्चमी षष्ठी स्पतमी अष्टमी नवमी दशमी एकादशी

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भारतीय ज्योतिष अनुसार ग्रहों का शरीर के विभिन्न भागों पर प्रभाव

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार विभिन्न ग्रह निम्न शरीर रचनाओ को नियन्त्रित करते हैं- सूर्य – अस्थि, जैव-विद्धुत्, श्वसनतन्त्र, नेत्र। चन्द्रमा – रक्त्त, जल, अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियाँ ( हार्मोन्स ), मन। मङ्गल – यकृत्, रक्त्तकणिकायें, पाचनतन्त्र। बुध – अङ्ग-प्रत्यङ्ग-स्थित तन्त्रिकातन्त्र, त्वचा। बृहस्पति – नाडीतन्त्र, स्मृति, बुद्धि। शुक्र – वीर्य, रज, कफ, गुप्ताङ्ग। शनि – केन्द्रिय नाडीतन्त्र। राहु-केतु –

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दिव्य नदी गङ्गा को स्वच्छ रखने का ढङ्ग पुराणों में ही व्याप्त

वर्तमान काल में दिव्य नदी गङ्गा का जल इतना प्रदूषित हो चुका है कि ये सिञ्चायी अथवा कपड़े धोने के लिये भी अयोग्य है। ये वो नदी है जिसके जल को अमृत तुल्य माना जाता है तो जो सर्व पाप विनाशनी मानी जाती है। आधुनिक समय में उद्योगों तथा नगरों के मल से प्रभावित हो कर

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पद्मपुराण अनुसार दिव्य नदी गङ्गा की महिमा

पवित्राणां पवित्रं या मङ्गलानां च मङ्गलम् । महेश्वरशिरोभ्रष्टा सर्वपापहरा शुभा ।। गङ्गा गङ्गेति यो ब्रूयाद् योजनानां शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेम्यो विष्णुलोकं स गच्छति।। स्नानात् पानाच्च जाह्नव्यां पितॄणां तर्पणात्तथा। महापातकवृन्दानि क्षयं यान्ति दिने दिने।। तपोभिर्बहुभिर्यज्ञैर्व्रतैर्नानाविधैस्तथा । पुरुदानैर्गतिर्या च गङ्गां संसेव्य तां लभेत्।। पुनाति कीर्तिता पापं दृष्टा भद्रं प्रयच्छति। अवगाढा च पीता च पुनात्यासप्तमं कुलम्।। भगवान् शङ्कर के

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देवी सीता को अशोक वाटिका में सर्व प्रथम किसने देखा था

यदि आप सोच रहे हैं कि हनुमान ने ही सर्व प्रथम अशोक वाटिका में देवी सीता को देखा था तो आप एक घटना भूल रहे हैं जो कि हनुमान के लङ्का पहुँचने से पहले घटी थी। वस्तुतः उस घटना से ही हनुमान को ज्ञात हुआ था कि देवी सीता कहाँ पर हैं। आयें इस घटना

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