जो स्वर व्यञ्जन के पीछे आता है उसे मात्रा कहा जाता है। विभिन्न स्वरों की मात्रायें हिन्दी भाषा में इस प्रकार हैं –
| स्वर | मात्रा का रूप | मात्रा सहित व्यञ्जन | मात्रा वाले शब्द |
| अ | – | क | रस, नर, कल आदि |
| आ | ा | का | नाम, राजा, काम आदि |
| इ | ि | कि | दिल, मिल, दिन आदि |
| ई | ी | की | रीत, मीत, सीढ़ी आदि |
| उ | ु | कु | सुर, गुरू, धनुष आदि |
| ऊ | ू | कू | बूढ़ा, सूरज आदि |
| ऋ | ृ | कृ | गृह, कृपा, तृण आदि |
| ए | े | के | खेल, मेल, आदि |
| ऐ | ै | कै | पैसा, बैल आदि |
| ओ | ो | को | कोमल, रोम, मोल आदि |
| औ | ौ | कौ | गौरी, पौरुष आदि |
| अं | ं | कं | हंस, संसार आदि |
| अः | ः | कः | दुःख आदि |