हिन्दी भाषा–उपसर्ग क्या होते हैं

हिन्दी में यौगिक शब्दों की रचना के लिये उपसर्गों का प्रयोग होता है।

उपसर्ग शब्दान्श के आगे या प्रारम्भ में जुड़कर उनका रूप तथा अर्थ बदल देते हैं। ऐसे शब्दान्शों को उपसर्ग कहा जाता है।

उपसर्ग स्वतन्त्र रूप में प्रयोग नहीं होते तथा शब्दों के साथ जुड़ कर ही प्रयुक्त होते हैं।

हिन्दी भाषा के कुछ प्रमुख उपसर्गों की उदाहरण यहाँ दी गयी है।

उपसर्गउपसर्ग से बने शब्द
अज्ञान, अधर्म, अलौकिक
अधिअधिकारी, अधिनायक
अपअपमान, अपकर्ष, अपशब्द
आमरण, आजीवन
अवअवगुण, अवतरण
अनअनपढ़, अनमोल, अनिष्ट
अनुअनुरूप, अनुसार, अनुज
अभिअभियोग, अभिमान, अभिभावक
अतिअत्यन्त, अतिरिक्त, अत्युत्तम
उत्उत्पन्न, उत्कर्ष, उत्कण्ठा
स, सुसुपुत्र, सुदृढ़, सुपात्र
अधअधपका, अधकचरा
बिनबिनबोला, बिनखाया
स्वस्वतन्त्र, स्वराज्य, स्वदेश
उपउपराज्य, उपनाम
कुकुकर्म, कुपात्र, कुपुत्र, कुरूप
परापराजय, पराधीन
विविज्ञान, विदेश, विशेष
दुरदुर्दिन, दुर्दशा, दुर्गुण
निनिबन्ध, निरोध, नियुक्त
परिपरिपूर्ण, परिचय, परिक्रमा
प्रप्रख्यात, प्रमाण, प्रदर्शन

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