Lifestyle

Poem on importance of time in english

चिकित्सा कितने प्रकार की होती है

मानव शरीर का उपचार विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है। भारतीय पद्धति के अनुसार चिकित्सा पाँच प्रकार की होती है– मानवीय चिकित्सा – जड़ी-बूटी आदि से बनी औषधि से उपचार। प्राकृतिक चिकित्सा – अन्न, जल, वायु, धूप व मिट्टि आदि से उपचार। यौगिक चिकित्सा – व्यायाम, आसन, प्राणायाम, संयम, ब्रह्मचर्य आदि से उपचार। दैवी

चिकित्सा कितने प्रकार की होती है Read More »

Poem on importance of time in english

The craze of pickles in India

Pickles are a type of preserved foods highly popular in India both in the south and north. While pickle refers to the class of food items prepared in the particular way, there are several varieties we find under this category. Almost most of the vegetables we use for cooking can be pickled. The principal ingredients

The craze of pickles in India Read More »

Poem on importance of time in english

देवनदी गङ्गा के नाम का क्या अर्थ है

गङ्गा नदी का नाम कुछ ऐसा है कि नाम सुनते ही मन में भक्ति भाव का प्रवाह होता है। शीतल जल तथा भारतीय संस्कृति में दिव्य स्थान पाने वाली इस नदी की महिमा अपार है। इस लेख में हम जानेंगे कि गङ्गा नाम का अर्थ क्या है। पतित पावनी गङ्गा को विविध नामों से जाना

देवनदी गङ्गा के नाम का क्या अर्थ है Read More »

Poem on importance of time in english

आसन लगानाऔर व्यायाम करना भी एक कर्म–फल है

आसन लगाने (Yogic Asana) से कुपथ्यजन्य रोग (Disease By intake of food or Acquired) तो होते ही नहीं और प्रारब्धजन्य रोगों (Disease already existing in the body or inherited ) में भी उतनी तेजी नहीं रहती, क्योंकि आसन और व्यायाम को भी कर्म (Action)  ही माना जाता है। अतः उनका भी फल (Fruit) होता है।

आसन लगानाऔर व्यायाम करना भी एक कर्म–फल है Read More »

Poem on importance of time in english

विभिन्न मासों में किये जाने वाले शिवव्रतों का विधान

कौन से महीने में कैसे करें शिव व्रत का पालन जो ( मनुष्य ) सत्यवादी तथा जितक्रोध  (क्रोध को वश में किया हुआ) होकर पुष्य  (पौष) मास में (शिवका) विधिवत् पूजन करके चावल, गेहूँ और गोदुग्ध से बने हुये भोजन को केवल रात में ग्रहण करता है; दोनों पक्षों की अष्टमी तिथि में यत्न पूर्वक

विभिन्न मासों में किये जाने वाले शिवव्रतों का विधान Read More »

आधुनिक पत्नी अपने पति से क्या चाहती है?

आधुनिक दाम्पत्य जीवन विभिन्न प्रकार की परिवर्तनों तथा कठिनाईयों से भरा पड़ा है। पुरानी रीतियों को पछाड़ कर नवजीवन की ओर अग्रेसर दाम्पत्य जीवन एक विचित्र प्रकार की भ्राँति से जूझ रहा है जिसमें कि पुरुष तथा स्त्री दोनों को ये समझ नहीं आ रहा कि वो एक दूसरे को कैसे प्रसन्न रखें। कैसे परस्पर

आधुनिक पत्नी अपने पति से क्या चाहती है? Read More »

चिट्टियाँ कलाईयाँ वे ओ बेबी मेरी…इस गाने का क्या अर्थ है

आजकल एक गाना चारों ओर से कानों में ध्वनित होता है। चिट्टियाँ कलाईयाँ वे, ओ बेबी मेरी चिट्टियाँ कलाईयाँ वे… 90 के दशक का एक और गाना स्मरण में आता है जो कि अमिताभ बच्चन तथा जया प्रदा पर फिल्माया गया था गोरी हैं कलाईयाँ, तू ला दे मुझे हरी हरी चूडियाँ… हरी चूड़ियाँ तो

चिट्टियाँ कलाईयाँ वे ओ बेबी मेरी…इस गाने का क्या अर्थ है Read More »

सुहागरात पे दिये जा सकने वाले आधुनिक भेंट सुझाव

सुहागरात वो अवसर है जब पति पत्नी अपने बन्धन को प्रेम के धागे में पिरो सकते हैं तथा एक सुखमय जीवन की परिकल्पना को वास्तविक्ता में ढालने का सटीक आरम्भ कर सकते हैं। पदार्थवाद से ऊपर उठकर नव दम्पति को एक दूसरे के सबसे बड़े सहायक तथा प्रोत्साहक बनना चाहिये। पति पत्नी के लिये सबसे

सुहागरात पे दिये जा सकने वाले आधुनिक भेंट सुझाव Read More »

11 चीज़ें जो एक लड़के को लड़की में विवाह से पहले देखनी चाहिये

पुरातन काल में एक लड़की के लिये विवाह योग्य आयु प्राप्त करने के उपरान्त कुछ कार्यों में पारङ्गत होना होता था। पाक कला, बुनाई तथा घर-गृहस्थी के काम काज। परन्तु आधुनिक काल में एक लड़के लड़की में घर के कार्यों में लेकर विभाजन नहीं होता। पति पत्नी दोनों व्यावसायिक जीवन व्यतीत करते हैं तो इसलिये

11 चीज़ें जो एक लड़के को लड़की में विवाह से पहले देखनी चाहिये Read More »

सुहागरात पे पत्नियों द्वारा दिये जाने वाले 10 वचन

विवाह के रीति-रिवाजों को अपनाते हुये प्रायः कई प्रकार के वचन वर तथा वधु से लिये-दिये जाते हैं। पतियों द्वारा अपनी विवशता तथा व्यथा का बखान करने के लिये सृजित कई प्रकार के चुटकुले (जोक्स) तथा टिप्पणियाँ की भरमार भी आपको इण्ट्रनेट पर मिल जायेगी। ऐसे में हम कुछ ऐसे हास्यपद वचनों पर चर्चा करेंगे

सुहागरात पे पत्नियों द्वारा दिये जाने वाले 10 वचन Read More »

Use of Anuswara in Hindi

हिन्दी भाषा में अनुस्वार का अनुपयुक्त प्रयोग

यदि आपने हिन्दी पढ़ी है तथा संस्कृत भाषा को सीखने में भी थोड़ा-बहुत समय बिताया है तो हो सकता है आपने अनुस्वार के प्रयोग पे कुछ ध्यान दिया हो। अनुस्वार का प्रयोग हिन्दी भाषा में इस प्रकार व्यापक्ता से होने लगा कि पाञ्च व्यञ्जनों को दर्शाने के लिये केवल अनुस्वार को ही डाला जाने लगा।

हिन्दी भाषा में अनुस्वार का अनुपयुक्त प्रयोग Read More »